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उत्तराखंड में लॉकडाउन का उल्लंघन करने में 242 की गिरफ़्तारी हुई, 35 मुकदमे दर्ज किये
उत्तराखंड में लॉकडाउन का उल्लंघन करने में 242 की गिरफ़्तारी हुई, 35 मुकदमे दर्ज किये
देहरादून: उत्तराखंड में लॉकडाउन का उल्लघंन करने पर 35 मुकदमे दर्ज किए गए। इसमें 242 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में प्रदेश में अभी तक कुल 947 मुकदमे दर्ज कर 3902 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, अभी तक मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कुल 3240 वाहन सीज और 11931 के चालान किए गए हैं। देहरादून में पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 10 लोगों को गिरफ्तार करते हुए मोटर व्हीकल एक्ट में 157 वाहनों के चालान काटे और 32 वाहन सीज किए। दून पुलिस की ओर से अब तक 116 मुकदमे दर्ज कर 362 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा एमवी एक्ट में 2669 का चालान काटते हुए 861 वाहन सीज किए। वहीं मसूरी में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर दो युवकों का चालान किया गया। हरिद्वार में पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा 37 वाहनों का एमवी एक्ट में चालान कर 36 वाहनों को सीज किया। इसी तरह गोपेश्वर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर सात वाहनों के चालान किए गए, जबकि तीन वाहनों को सीज किया गया। वहीं, उत्तरकाशी के नौगांव में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
राशन होते हुए दोबारा राशन लेने पहुंचे, मुकदमा दर्ज
घर पर राशन होते हुए दोबारा राशन लेने की लाइन में खड़ा होना दो लोगों को भारी पड़ गया है। राजपुर थाना पुलिस ने ऐसे दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसओ राजपुर अशोक राठौड़ ने बताया कि थाने में जरूरतों को राशन बांटा जा रहा था। इस दौरान राशन लेने के लिए ऐसे दो लोग लाइन में लगे हुए थे, जिनके घर पर राशन था। दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। आरोपितों की पहचान धर्मवीर निवासी सड़क थाल माधव धामपुर जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश और किशन तिवारी निवासी मनौती उदयपुर प्रतापगढ़ यूपी के रूप में हुई है।
निजी स्कूलों ने सरकार से फीस लेने की छूट मांगी
सरकार ने निजी स्कूलों और कॉलेजों पर ऐसे ऐसे संकट की घड़ी में अभिभावकों से फीस लेने पर भी रोक लगाई है। निजी स्कूलों ने अपनी समस्याओं का हवाला देते हुए सरकार से फीस वसूली की छूट मांगी है। प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र भेजकर फीस लेने की छूट मांगी गई है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल किसी भी अभिभावक पर फीस लेने के लिए दबाव नहीं बनाएंगे। केंद्र सरकार, राज्य सरकार समेत अन्य सरकारी एवं निजी विभागों में तैनात अभिभावक जो फीस देने में सक्षम है उनसे फीस लेने की छूट सरकार को देनी चाहिए। कश्यप ने कहा कि प्रदेश में लगभग 5000 निजी स्कूल हैं, जिनमें करीब 70 फीसदी स्कूलों ने बैंकों से कर्जा लिया है। बैंक की ईएमआई चुकाने, शिक्षक एवं कर्मचारियों को वेतन देने समेत स्कूलों के अन्य कई खर्चे हैं जिनका बहन करना अनिवार्य है।